HINDI SHAYARI जो अपने प्यार के लिए और ज्यादा सताओगी बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे हालत ऐसी हो गई है अब दूर नहीं रह पाएंगे मेरे मन की चाहत को तुम गहराई से समझती हो मैं क्या चाहता हूं ऐसी वैसी बातों में अब उलझाना छोड़ दो पछताओगे हमसे दिल लगाकर हम मुसाफिर हैं चले जाएंगे
Hindi shayari sangrah gorakhpur