तुम्हारे मोहब्बत का वही पुराना असर चाहता हूं ए बेखबर तुझे अपना हमसफ़र चाहता हूं जिंदगी की उलझने कम हो गई है जबसे आपका सहारा मिला अपनी नसीब ऐसी है खुशी आस-पास रहते हुए भी मिल नहीं पाती है
हिंदी शायरी का जलवा
Hindi shayari sangrah gorakhpur